प्लास्टिक प्रतिबंध पर निबंध | Plastic Pratibandh par nibandh

नमस्कार पाठकों ,क्या आप प्लास्टिक प्रतिबंध पर निबंध के संदर्भ में जानकारी खोज रहे हैं। यदि हां तो हमारे plastic par pratibandh nibandh के इस लेख में आपको पूरी जानकारी दी जाएगी। मित्रों आज के लेख में हम Plastic के संबंध में किए गए प्रतिबंधों को आपके समक्ष रखेंगे। आज के लेख में हम आपको बताएंगे कि Plastic किस प्रकार से बनाया जाता है और यह हमारे प्रकृति के लिए बुरा क्यों साबित होता है।

प्लास्टिक प्रतिबंध पर निबंध
प्लास्टिक प्रतिबंध पर निबंध

भारत में Plastic के प्रकोप को रोकने के लिए Plastic पर कब-कब प्रतिबंध लगाया गया है, इसके बारे में हम आपको आज जानकारी देंगे। आज के इस लेख में हम आपको यह भी बताएंगे कि वह कौन से Plastic के product है जो भारत में पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है।

प्रस्तावना एवं उपसंहार सहित प्लास्टिक प्रतिबंध पर निबंध

प्रस्तावना (प्लास्टिक कैसे बनता है?)

मित्रों, Plastic एक बहुत ही धीमा पर जहरीला उत्पाद है और यह उत्पाद Ethylene Manomar के Polymerization से बने जाती है इसमें carbon के हर atom पर दो hydrogen के atoms जुड़े होते है।

यह मुख्यतया Polythene बनाने की प्रक्रिया होती है लेकिन यह लगभग सभी Plastic के उत्पादों में सामान होती है। इन्हें Polymer के नाम से भी जाना जा सकता है।

प्लास्टिक के उपयोग

• Plastic का उपयोग सामान्य जीवन के कार्यों को आसान करने के लिए किया जाता है। शादियों में या फिर किसी मुख्य event पर किया जाता है।

• Plastic का उपयोग मुख्यतः कंपनियां करती है जो खाना बनाने का काम करती है या फिर लोगों को खाना पहुंचाने का कार्य करती है।

• सामान्य business profiles में भी Plastic का भरपूर उपयोग किया जाता है।

• यदि एक बार उसका इस्तेमाल हो जाए तो उसे वापस से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।

• Plastic का उपयोग प्रतिरोधक तत्व के रूप में किया जाता है।

• Plastic के कई उत्पाद ऐसे भी होते हैं जिन्हें बार बार काम में लिया जा सकता है, जैसे कि Plastic के डिब्बे, Plastic की मोटी थैलियां, Plastic से बने container और किसी काम में आने वाली चीजों के खोखे, यह सभी पुनः इस्तेमाल किए जा सकते हैं या फिर इन्हें इस्तेमाल किए जाने लायक बनाया जा सकता है।

• Plastic बहुत सस्ता होता है इसलिए इसे हासिल कर पाना बहुत ही आसान होता है।

• यह हर जगह उपस्थित होता है।

• मेडिकल और स्वास्थ्य के क्षेत्र में Plastic का उपयोग भरपूर मात्रा में किया जाता है। 

भारत में प्लास्टिक पर प्रतिबंध – Bharat me Plastic par pratibandh

• मित्रों भारत में Plastic के प्रतिबंध पर बहुत बार विचार किया गया है और कई बार तो इसे सीमित सीमा तक लगाया भी गया है।

• सबसे नया प्रतिबंध हमारे भारत देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ही लगाया था यह प्रतिबन्ध अक्टूबर 2019 को लगाया गया था और यह 1 अक्टूबर को लगाया गया था और यह प्रतिबन्ध गांधीजी के जन्मदिवस को श्रद्धांजलि देने के रूप में लगाया गया था।

• इसके चलते पूरे देश में Polythene की थैलियों की बिक्री पर रोक लग चुकी थी लेकिन आज भी बहुत सी जगह Plastic की थैलियों का इस्तेमाल किया जाता है।

Single Use Plastic

नाम से ही हम यह पता लगा सकते हैं कि single Use Plastic का मतलब होता है कि ऐसा Plastic का उत्पाद से एक बार इस्तेमाल करने के बाद में दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

जैसे कि डिस्पोजल, Plastic की थैलियां, दूध की थैलियां या फिर वह सभी Plastic के उत्पाद जिन्हें एक बार इस्तेमाल करने के बाद में फेंक दिया जाता है। 

जरूर पढ़ें- प्लास्टिक पॉलिथीन का दैनिक जीवन में महत्व है

Plastic के सभी उत्पादों में से Plastic के यह उत्पाद सबसे ज्यादा हानिकारक होते हैं। क्योंकि इनका बहुत जल्दी ही उपयोग खत्म हो जाता है और यह लंबे समय तक किसी भी प्रकार से हमारे काम नहीं आ सकते है।

जब हमें आवश्यकता नहीं होती तो हम इन्हें फेंक देते हैं लेकिन हमारी तरह ही करोड़ों लोग भी इन्हें इस्तेमाल करके फेंक देते हैं।

जिसके कारण यह बहुत बड़ी मात्रा में इकट्ठा हो जाती है और इन्हें कई बार नदियों में या समुद्र में फेंका जाता है जिससे वहां के जनजीवन पर बहुत बुरा असर पड़ता है।

Polythene से लाभ

• मित्रों Polythene की थैलियां, एक प्रकार से single Use Plastic के केटेगरी में गिनी जाती है। लेकिन Polythene की थैलियों के लाभ भी बहुत ज्यादा होते हैं।

• यह दैनिक जीवन प्रिया के कई कामों को आसान बना देती है।

• Polythene की चीजों का इस्तेमाल कचरा फेंकने के लिए, सब्जियां लाने के लिए, खिलौना को कवर करने में, विभिन्न प्रकार के उपकरणों को कवर करने में, विभिन्न प्रकार के गिफ्ट को कवर करने में, खाने का सामान लाने में, शॉपिंग बैग में और हमारे रेफ्रिजरेटर में भी Polythene की थेलीयां पड़ी होती हैं।

• Polythene का इस्तेमाल मुख्यतः किसी भी वस्तु खरीदते समय किया जाता है। लेकिन Polythene का इस्तेमाल single Use Plastic और शोर्ट term Plastic Use के तौर पर किया जा सकता है।

Single Use Plastic के उत्पाद

मित्रों single Use Plastic, Plastic के सभी उत्पादों में से सबसे ज्यादा खतरनाक होते हैं। क्योंकि यह बहुत बड़ी मात्रा में सड़कों पर नदियों में नलों में फेक किए जाते हैं और यह कभी भी इस्तेमाल होना बंद नहीं होते। जैसे कि-

Plastic की शॉपिंग बैग, Plastic के कॉफी के कप, Plastic के पानी की बोतल, Plastic के स्टेरोफॉम, Plastic के स्ट्रो, Plastic की थैलियां, Plastic की चम्मच, सिगरेट बट, Plastic के बोतल के ढक्कन, फूड के रैपर, Plastic के ग्रॉसरी बैग, विभिन्न प्रकार की Polythene की थेलिया, यह सारे single Use Plastic के उत्पाद है, जिन्हें पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा भारी मात्रा में इस्तेमाल किया जाता है। इनका इस्तेमाल किसी भी प्रकार से बंद नहीं हो रहा है।

Plastic बैग पर प्रतिबंध लगाने वाले देशों के नाम

Plastic पर एंटीगुआ और बरमूडा ने 2016 में प्रतिबंध लगाया था। प्लास्टिक पर प्रतिबंध चाइना ने 2017 में लगाया थाकोलंबिया, रोमानिया, सेनेगल, रवांडा, दक्षिण कोरिया, जिंबाब्वे, ट्यूनीशिया, सामोआ, बांग्लादेश, कैमरून, अल्बानिया, जॉर्जिया इन सभी देशों ने Plastic पर 2016 से लेकर के 2018 के मध्य प्रतिबंध लगा चुके हैं।

सबसे नया प्रतिबंध भारत ने लगाया था वह अक्टूबर 2019 में लगाया गया था और इसके अनुरूप भारत में Single Use Plastic के ऊपर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था।

निष्कर्ष

तो मित्रो आज के लिए हमने जाना कि प्लास्टिक प्रतिबंध पर निबंध के ऊपर पूरी जानकारी प्राप्त की है। Plastic Pratibandh par nibandh के अलावा प्लास्टिक क्या होता है, किस प्रकार बनाया जाता है, उसके हानिकारक प्रभाव क्या हो सकते हैं, इसके लाभ और हानि से लेकर के Single Use Plastic के हानिकारक प्रभाव और उसके ऊपर लगाए गए प्रतिबंध के बारे में जानकारी प्राप्त करी है।

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प्लास्टिक प्रतिबंध पर निबंध से संबंधित प्रश्न और उनके उत्तर (FAQ)

Q. Plastic के दुष्प्रभाव क्या हो सकते हैं?

Ans. Plastic दुष्प्रभाव सामान्य नागरिकों के जीवन से लेकर में प्रकृति के सभी तत्वों पर हो सकते हैं। जैसे कि Plastic के असंतुलित उपयोग से एक व्यक्ति को विभिन्न प्रकार के रोगों के द्वारा अपनी जान गंवानी पड़ सकती है। बहुत ज्यादा Plastic की मात्रा यदि प्रकृति में बढ़ जाए तो यह प्रकृति को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है।

आज के समय समुद्र में भी लाखों मेट्रिक टन Plastic इकट्ठा हो चुका है। जो समुद्र के जल जीवन को प्रभावित करता है। आज के समय मिट्टी में भी विभिन्न प्रकार के Plastic तत्व पाए जाते हैं। जो मिट्टी को उपजाऊ होने से रोकते हैं और पूर्णतया बंजर बना देते हैं।

Q. Plastic की थैलियां किस प्रकार बनाई जाती है?

Ans. Plastic की थैलियों को पॉलीथिन के नाम से भी जाना जाता है और Polythene को एथिलीन मनोमर के पॉलीमराइजेशन के द्वारा बनाया जाता है। और इसका फार्मूला C2H4 होता है।

Q. Plastic के उपयोग क्या है?

Ans. Plastic के उपयोग विभिन्न प्रकार से बताई जा सकते हैं, Plastic का उपयोग फिल्म, Plastic पार्ट्स, ट्यूब और पैकेजिंग के लिए, आटोमोटिव, इलेक्ट्रिकल एक्युप्मेंट बनाने के लिए, फूड प्रोसेसिंग के लिए और फूड पैकेजिंग के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

Q. Plastic से लाभ क्या है?

Ans. Plastic के उत्पाद हमारे रोजमर्रा के कामों में इस्तेमाल होते हैं। वह उत्पाद अत्यंत ही सस्ते होते हैं। इसके कारण इन्हें कई बार तो मुफ्त में भी हासिल किया जा सकता है। यह हमारे रोजमर्रा के कामों को अत्यंत ही सरल बना देते हैं। इन्हें इस्तेमाल करना आसान होता है।

Q. Plastic पर प्रतिबंध कब लगाया गया?

Ans. भारत में Plastic पर प्रतिबंध 1 अक्टूबर 2019 को लगाया गया था। जहां single use Plastic पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया था।

तो दोस्तों हम आशा करते हैं कि आपको प्लास्टिक प्रतिबंध पर निबंध (plastic pratibandh par nibandh) के बारे में अच्छी जानकारी मिली होगी। यदि आपको यह लेख पसंद आया हो ,तो कृपया इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।

धन्यवाद!

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