किसान की आत्मकथा हिंदी निबंध 2022 | Essay on farmer in hindi

हेलो दोस्तों, आज के लेख में हम किसान की आत्मकथा हिंदी निबंध पर विस्तृत चर्चा करेंगे इस किसान की आत्मकथा हिंदी निबंध में आपको किसान से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारी बहुत ही सरल भाषा में मिल जाएगी। तो यदि आप भी किसान की आत्मकथा निबंध हिंदी में for class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 खोज रहे हैं तो यह लेख आपकी बहुत सहायता करेगा।
इसलिए इसलिए इस निबंध को अंत तक अवश्य पढ़ें।

किसान की आत्मकथा हिंदी निबंध (Essay on farmer in hindi)

प्रस्तावनाहम सबके जीवन में सबसे ज्यादा महत्व भोजन का होता है और यदि भोजन ही ना हो तो हम सबके लिए जीवन असंभव है हमारा शुद्ध भोजन हमारी सफल कृषि की मिसाल देता है।

सफल कृषि का पूरा श्रेय एक आम किसान को ही जाता है जो कि कड़ी चिलचिलाती धूप बारिश आंधी तूफान ना देखते हुए भी पूरे जतन से हमारे लिए अनाज उगाता है।

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किसान के इस कठिन परिश्रम की तुलना किसी भी परिश्रम से नहीं की जा सकती तभी तो हमारे भारत देश को कृषि प्रधान देश कहा गया है।

“हमारा देश किसानों से है,
हमारा भोजन भी किसानों से है
हमारा जीवन भी किसानों से है। “

किसान की आत्मकथा हिंदी निबंध

भारतीय किसान का महत्व (Importance of Indian Farmers)

यदि भारतीय किसान के महत्व गिनने बैठे तो सुबह हो जाएगी। एक अच्छा किसान एक बंजर जमीन को भी अत्यंत उपजाऊ बना देता है। गर्मियों में नंगे पैर खेतों में कार्यरत होता है और लाख छाले पड़ जाने पर भी वह घर में आराम के लिए नहीं बैठता।

एक किसान की सादगी व महत्वता इससे पता चल जाती है कि ढेर सारा धन ना होने के बावजूद भी उसमें इतना संतोष होता है कि लाखों करोड़ों रुपए कमाने वालों में भी देखने को ना मिले।

किसान का दैनिक जीवन (Daily life of farmers)-

किसान का जीवन अत्यंत ही कष्टों से भरा हुआ होता है। सुबह उठने से लेकर रात के सोने तक वह चैन से नहीं बैठता। कुछ गरीब मजदूर भी इसे किसान की श्रेणी में आते हैं। उनके पास खुद की जमीन ना होने के कारण वे बड़े जमींदारों के जमीन पर खेती करते हैं और इसके बदले उन्हें कुछ राशि दी जाती है यह राशि बहुत ही कम होती है।

गरीब मजदूर किसान को कार्य भी तभी मिलता है जब फसल से संबंधित मौसम हो। बाकी पूरे साल उन्हें बड़े जमींदारों से कर्ज लेकर अपने मामूली खर्च निकालने पड़ते हैं और बाद में यह कर्ज न चुकाने पर उनके पोस्ट के लिए बहुत अधिक बढ़ जाती हैं।

इसी कर्ज के परिणाम वर्ष कभी-कभी किसान तंग आकर आत्महत्या जैसा कदम भी उठा लेते हैं।

किसान के मुख्यकार्य (Main works of Farmers)-

किसान के मुख्य कार्य कुछ इस प्रकार है-

1- फसलों की देखभाल:-

फसल उगाने से लेकर के उसके अंत में कटाई तक उन फसलों की देखभाल हमारे किसान भाइयों को करनी पड़ती है यह करी आप बहुत ही कष्ट से भरी होती है यदि एक बार भी ज्यादा बारिश या तूफान आ जाए तो पूरी फसल बर्बाद हो जाती है इसलिए किसान भाइयों को पहले से ही हर स्थिति के लिए सतर्क रहना पड़ता है।

प्राकृतिक आपदाओं के साथ साथ फसलों को जंगली जानवरों से भी बचा कर रखना पड़ता है। सूखा पड़ने पर भी फसलें पूरी तरीके से बर्बाद हो जाती है। फसलों को बेहतर करने के लिए हल्का भी इस्तेमाल करना पड़ता है।

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2- प्रदूषण की मार-

देश में बढ़ते प्रदूषण के कारण प्राकृतिक आपदाओं का संकट आना बहुत ही सामान्य हो गया है जिसका सीधा सीधा प्रभाव हमें फसलों पर देखने को मिलता है पशुओं के बर्बाद हो जाने पर किसान पूरी तरीके से हिल जाते हैं क्योंकि उनके रोजी-रोटी तक भी उसी फसल से जुड़ी होती है।

फसल के उड़ता बर्बाद हो जाने के बाद किसान भाइयों को शुरुआत से पूरी मेहनत करनी पड़ती है।

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3- महंगाई का सामना-

बढ़ती महंगाई और अनाज के सही दाम ना मिल पाने पर किसान की रोजी-रोटी भी बहुत मुश्किल से चलती है जिस तरह से बीज की कीमतें दिन पर दिन बढ़ रही है उस तरह से अच्छी गुणवत्ता के खाद्य और बीच खरीदने में किसान के पसीने छूट जाते हैं।

4- सहायता का अभाव-

यूं तो किसानों को अन्नदाता कहकर संबोधित किया जाता है परंतु फसल बर्बाद हो जाने पर किसानों का साथ देने कोई भी नहीं आता है उल्टा जमींदारों का महाजनों से कर्ज लेकर उन्हें जीवन यापन करना पड़ता है ज्यादातर मामलों में उन्हें बर्बाद फसलों पर मुआवजा भी नहीं मिलता है।

5- अमीर बिल्डरों का अत्याचार

गरीब कमजोर होने की वजह से बहुत सारे बिल्डरों की नजर किसानों की उपजाऊ जमीन पर होती है। बहुत से मामलों में देखा गया है कि बिल्डर किसान भाइयों के जमीन हड़प कर उन पर फैक्ट्रियां और बड़ी इमारतों को बनाते हैं जिससे कि उनका मुनाफा अधिक से अधिक हो सके।

6- मदद ना मिलना-

यूं तो पार्टियों के प्रतिनिधि चुनाव के समय लंबे लंबे वादे करते हैं परंतु जब फसल बर्बाद होती है या कोई आपदा आती है तो वह सब कहीं भी दिखाई नहीं देते हैं और किसान भाइयों की तकलीफों को अनदेखा कर देते हैं।

किसानों का भला कैसे हो?(Welfare of farmers)

1- बढ़ते तकनीकी युग में किसानों को इसकी सुविधा मुहैया करानी चाहिए ताकि वाह कम परिश्रम में भी अधिक से अधिक परिणाम ला पाए।

2- सरकार को ऐसा कानून लाना चाहिए कि यदि कोई प्रतिनिधि अपने शब्द पर ना खरा उतरे तो उसे तुरंत ही सत्ता से हटा दिया जाना चाहिए।

3- किसानों को उनके अनाज के बदले महंगाई के अनुसार सही कीमत दी जानी चाहिए।

4- गांव में फसल बर्बाद हो जाने पर किसानों को उनका मुहावजा जल्द से जल्द उनके बैंक एकाउंट में दिया जाना चाहिए।

5- गांव में समय-समय पर जांच होनी चाहिए कि कोई जमींदार गरीब किसानों पर अत्याचार तो नहीं कर रहा है। इस चीज का पूरा रिकॉर्ड बकायदा रखा जाना चाहिए।

6- गरीब मजदूर की आय में वृद्धि की जानी चाहिए।

निष्कर्ष-

दोस्तों सत्य में एक किसान का जीवन कांटो भरा होता है। आज हमने किसान की आत्मकथा हिंदी निबंध 2022 (essay on farmer in hindi) पढ़ा ।हम आशा करते हैं कि आपको या निबंध पसंद आया होगा। यदि आपको किसान की आत्मकथा हिंदी निबंध में कहीं कोई परेशानी हुई हो तो आप हमें कमेंट सेक्शन में अवश्य बताएं। हम आपके सभी मुश्किलों का हल जल्द से जल्द आप तक पहुंचाएंगे।

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