Essay On gratitude in hindi

हेलो दोस्तों, हम आशा करते हैं कि आप इस कोरोनावायरस समय में एकदम स्वस्थ व प्रसन्न होंगे और अपने समय का बेहतर सदुपयोग कर रहे होंगे। दोस्तों, हमें जीवन में बहुत सारी चीजें मिली हुई है यदि हम उन्हें गिनने बैठ जाएं तो सुबह से रात हो जाएगी, पर फिर भी हम मनुष्य कभी भी उन चीजों का आभार नहीं मानते और उसकी जगह हमेशा अपने जीवन की कमियों को गिनाते रहते हैं। इसलिए दोस्तों आज हम कृतज्ञता पर निबंध (Essay on gratitude in hindi) पढ़ेंगे जिसमें कि हम कृतज्ञता से संबंधित प्रत्येक पहलू को विस्तृत रूप में पढ़ेंगे।

कृतज्ञता पर निबंध
कृतज्ञता पर निबंध

कृतज्ञता का अर्थ क्या है ? (Meaning of Gratitude)

जैसा कि हमने ऊपर पढ़ा कि हमारे पास ढेरों चीजें मौजूद होती है परंतु कम फिर भी उनका आभार प्रकट नहीं कर पाते। उन चीजों के लिए जो हमें ईश्वर के इतने प्यार और सम्मान से दी है उनके लिए आभार का भाव प्रकट करना ही कृतज्ञता कहलाता है। कृतज्ञता का सही अर्थ है- मौजूद चीजों का हृदय से धन्यवाद करना।

अब आप सोचेंगे कि यदि चीजे मौजूद ही है तो उसका धन्यवाद करने की क्या आवश्यकता है? जो चीज मौजूद है वह कहीं भाग थोड़ी जाएगी, वह तो मेरी ही है, मेरे ही अधिकार में रहेगी।तो दोस्तों, यह सोच हमारे अंदर अहंकार को जन्म देती है और यह अहंकार जीवन में और अधिक चीजों की मांग करता है। इसलिए इस अहंकार को कम करने के लिए हमारा कृतज्ञ होना अति आवश्यक है।

कृतज्ञता का महत्व (Importance)

ईश्वर ने हमें अनेक प्यारी-प्यारी व बहुमूल्य चीजों से नवाजा है। कुछ बहुमूल्य चीजों का वर्णन हमने नीचे किया है इन्हें थोड़ा ध्यान से पढ़ें-

माता पिता
दोस्त
परिवार
शिक्षा
शिक्षक
भोजन- जल
शुद्ध हवा
पेड़ पौधे
प्रेमपूर्ण वातावरण

ऊपर दी गई चीजों के अलावा हमारे पास अन्य भी लाखों चीजें हैं जिनके लिए हमें आभार प्रकट करने की आवश्यकता है।

हमारे माता-पिता जन्म से ही हमारा पालन-पोषण करते हैं और हमारी शिक्षा सेहत एवं संस्कार का ध्यान रखते हैं। आगे चलकर हमारे दोस्त बनते हैं जिनसे हम अपने सभी सुख दुख बांटते हैं, हम प्रतिदिन शुद्ध भोजन व जल ग्रहण करते हैं जिसके द्वारा हम जन्म से लेकर आज तक जीवित हैं।

-Saloni

इन चीजों का महत्व हमें तब पता चलता है जब यह चीज है हमारे पास नहीं रहती, फिर वह भोजन हो या हमारे अभिभावक। वह जब हमसे दूर हो जाते हैं तभी हमें उनके असली महत्व पता चलता है इसलिए एस क्षणिक संसार में हमें प्रतिदिन अपने आसपास की चीजें के लिए कृतज्ञता का भाव रखना चाहिए।

हमें अब बिल्कुल भी नहीं भूलना चाहिए की ऐसे लाखों लोग हैं जिन्हें इतना भी नहीं मिल पाती और वह केवल इन चीजों के लिए दिन रात संघर्ष करते हैं। इसलिए अपने दुखों को भूल जाइए और महसूस करिए कि आप कितने खुशनसीब है जो यह चीजे आपके पास मौजूद है।

कृतज्ञता के फायदे (Benefits)

कृतज्ञता इन सब चीजों के लिए प्रकट करें जिसने आपके बुरे समय में आप का साथ दिया हो आपकी सहायता की हो। क्योंकि कृतज्ञता के अनंत फायदे होते हैं-

1- रिश्तो को मजबूत करता है

जब आप अपने करीबी रिश्तेदारों के सामने कृतज्ञता प्रस्तुत करते हैं तो इससे आपके रिश्तो में एक प्यारी सी मिठास आ जाती है, और आप एक दूसरे के और करीब आ जाते हैं क्योंकि कृतज्ञता प्रेम को जन्म देता है और अहंकार दूरी को।

कृतज्ञता का भाव यह प्रदर्शित करता है कि आप सामने वाले व्यक्ति की उपस्थिति की कद्र करते हैं और सच में उनके द्वारा किए गए योगदान से आपको प्रसन्नता हुई है। यह छोटे छोटे प्यारे प्यारे पल यह जीवन में शाश्वत खुशियां लेकर आते हैं और आपके जीवन के रिश्तो को अटूट व बेहद मजबूत कर देते है।

2- प्रेम की वृद्धि करता है

कृतज्ञता का सीधे संबंध प्रेम से होता है यदि आप के रहते हैं में किसी व्यक्ति के लिए प्रेम है तभी आप उसके लिए सच्ची कृतज्ञता का भाव ला सकते हैं अन्यथा कभी भी नहीं।

कृतज्ञता का भाव प्रेम को अत्यंत वृद्धि देता है और आपके जीवन में शांति समृद्धि व ऐश्वर्य आता है। हम तभी दूसरों से प्रेम कर पाएंगे जब हम खुद से प्रेम करते हैं ठीक वैसे ही हम तभी दूसरों के लिए कृतज्ञता का भाव रख पाएंगे जब हम खुद को भी अच्छी चीजों के लिए आभार करें।

3- दुख को कम करता है

कृतज्ञता हमारे दुख को कम करने में रामबान सिद्ध होती है। आप सोच रहे होंगे कि कृतज्ञता का भाव रखने से दुख कैसे कम हो सकता है? और यह सवाल उठना स्वाभाविक है। तो दोस्तों, जब हमारे पास कोई दुख आता है तो यदि हम उस दुख को ध्यान से देखें तो हम समझ जाएंगे कि दुख तो प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में है, और हमारे पास खुश होने के लिए कारण ज्यादा है दुख की तुलना में।

तो ऐसे में, यदि हम मौजूद संसाधनों के लिए खुश नहीं होते तो दुख आने पर दुखी क्यों होते हैं। इस तरह से सोचने पर हम सत्य को जान पाएंगे और अपनी बेहतरी के लिए कर्म कर पाएंगे और इस विवेक के लिए हम ईश्वर के प्रति कृतज्ञता का भाव रख पाएंगे।

4- मन को शांत करता है

कृतज्ञता के द्वारा हम दूसरों का आभार प्रकट करते हैं। जब हम यह पाते हैं कि हमारे द्वारा दूसरों को खुशी मिल रही है तो हमें खुद को भी खुशी मिलती है, और यह खुशी मुख्य रूप से क्षणिक नहीं है; यह खुशी शाश्वत और चिरंजीवी है।

जब हम दूसरों को शांति प्रदान कर पाते हैं तो हम यह पाते हैं कि हमारा भी मन शांत है, लालच का भाव कम है, इच्छाओं का वेग धीमा है, वृत्तीया और माया कम परेशान कर पा रही हैं, जिससे कि मन को शांति मिल रही है।

कृतज्ञता का अभ्यास कैसे करें?

कृतज्ञता का अभ्यास हम ढेरों तरीकों से कर सकते हैं जिसमें से नीचे कुछ तरीके वर्णित है-

  • अपने जीवन को गौर से देखें और नोट करें कि ऐसी कौन-कौन सी चीजें हैं जो आपके जीवन में प्रभाव कारी किरदार निभा रही है। और उन चीजों का ईश्वर से धन्यवाद करें एवं प्रण लें कि आप उन सभी चीजों को बढ़ाने में योगदान देंगे ना कि उनकी नष्टता में।
  • जो चीजें आपको नीचे की ओर ले जाए उन सभी चीजों का त्याग करें। अपने विवेक का सही उपयोग करें; अपने आपको पशु ना जान कर अपनी चेतना का सम्मान करें और सत्य को ध्येय रखें।
  • जब भी मौका मिले समाज के अच्छे कार्य में सम्मिलित हो और जहां भी आपको पुलिसमैन, सफाईकर्मी, डॉक्टर व समाज सेवा में जुड़े लोग दिके , उनके प्रति कृतज्ञता का भाव प्रकट करें। कृतज्ञता का अभ्यास करने से ही इसका प्रसार संभव हैं।
  • प्रतिदिन उठने के बाद इस नए दिन का और आपके पास जितनी भी चीजें मौजूद हैं उन सब का ईश्वर से धन्यवाद करें। यह अभ्यास में पिछले एक साल से कर रही हूं और यह सच में बहुत बहुत लाभदायक है।
  • प्रकृति में प्रत्येक चीजों का सम्मान करें आपको यह सम्मान आपके कृतज्ञता के भाव को दिखाएगा। आप जितना चीजों के प्रति आभार प्रकट करेंगे उतना आप पाएंगे कि आप खुद के करीब होते जा रहे हैं और जीवन के प्रति आपका नजरिया बदलता जा रहा है।

निष्कर्ष

कृतज्ञता से प्यारा कुछ नहीं। जो प्रेम के करीब ले जाए वह प्रेम ही है और प्रेम स्वय ईश्वरीय हैं, इसलिए इसे अपने जीवन में प्रयोग पर लाये। तो दोस्तों, आज हमने कृतज्ञता पर निबंध (Essay on gratitude in hindi) पढ़ा। हम आशा करते हैं कि आपको यह लेख पसंद आया होगा इसे अपने दोस्तों व सगे संबंधियों में अवश्य शेयर करें। धन्यवाद।

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