पटाखों से होने वाले प्रदूषण पर निबंध [2022] | Essay on fire firecracker pollution

क्या आप पटाखों से होने वाले प्रदूषण पर निबंध लिखना चाहते है यदि हाँ तो Essay on fire firecracker pollution लेख अंत तक जरूर पढ़ें।

दिवाली आने वाली है तथा दिवाली के दिन लोग अपने घरों मेंबहुत सारे दिए जलाएंगे, और दिनों से अपने घर को जगमगाएंगे। इसी के साथ लोग अपनी खुशी जाहिर करने के लिए पटाखे भी फोड़ते हैं। पटाखों की आवाज से तथा रंग बिरंगी रोशनी से बहुत सारे लोग प्रसन्न होते हैं तथा इसीलिए बहुत से लोगों को पटाखे फोड़ना बहुत पसंद है।

पटाखों से होने वाले प्रदूषण पर निबंध
पटाखों से होने वाले प्रदूषण पर निबंध

लेकिन दिवाली एक ऐसा त्यौहार है जिसे तकरीबन 120 करोड़ लोग मनाते हैं और एक साथ celebrate करते हैं।दिवाली के दिन भगवान श्री राम लंका जीत कर के घर आए थे,अर्थात अयोध्या आए थे। इसीलिएसभी लोगों नेभगवान श्री राम के स्वागत के लिए दीपों कीरोशनी करी थी और खुशी में दिए जलाए थे।

ऐसा कहा जाता है कि उस समय भी कुछ पटाखों की तरह कई ऐसे पदार्थ थे जो जलाए जाते थे जिससे रंग बिरंगी रोशनी निकलती थी तथा भयानक आवाज होती थी।

निष्कर्ष सहित पटाखों से होने वाले प्रदूषण पर निबंध

आज के समय पटाखे लोग खुशी में जलाते हैं, तथा अपनी खुशी जाहिर करने के लिए लोग पटाखों को फोड़ते हैं। लेकिन पटाखे जलाना आज के समय बहुत ही हानिकारक बन चुका है। क्योंकि इंसानों के कारण वातावरण में वायु प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ चुका है। और यदि हम भारत के संदर्भ में बात करें तो भारत में दिवाली पर ज्यादा बनाई जाती है, और जब 100 करोड़ लोग एक साथ पटाखे चलाते हैं तब पटाखों से होने वाला वायु प्रदूषण बहुत ही भयानक होता है।

आज के लेख में हम आपको बताएंगे कि पटाखों को क्यों नहीं पढ़ना चाहिए,पटाखों से होने वाले नुकसान क्या क्या है, पटाखों से किस प्रकार कीदूषित वायु निकलती है,पटाखों के कारण किस प्रकार का प्रदूषण होता है, पटाखों के द्वारा जानवरों पर कौन सा बुरा प्रभाव पड़ता है, पटाखे कौन से हानिकारक धातु से बने होते हैं, इसी के संबंध में हम आपको पटाखों से संबंधित सारी जानकारी देंगे।

तो चलिए शुरू करते हैं-

पटाखे क्यों नहीं जलाने चाहिए?

पटाखे आज के समय ऐसे तत्व हैं जिन्हें जलाए बिना कोई त्यौहार अक्सर पूरा नहीं होता है। आज के समय लोग होली के समय भी पटाखे जलाते हैं तथा अन्य कई त्योहारों पर लोग पटाखे जलाते हैं तथा New Year के अवसर पर भी पूरे विश्व में पटाखे जलाए जाते हैं।

लेकिन पटाखों कोएक बहुत बड़ी मात्रा में कभी भी नहीं चलना चाहिए क्योंकि पटाखों के कारण वातावरण में प्रदूषक तत्वों तथाधूल के कणों की मात्रा वायु में बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।

एक पटाखे में बहुत सारे हानिकारक तत्त्व होते है जैसे कि Copper, Zink, Sodium, Lead, Magnesium, के तत्व पाए जाते हैं तथा Sulphur Dioxide  तथा Nitrogen जैसे प्रदूषक तत्व भी पाए जाते हैं।

यह सारी तत्व करके जब वातावरण में फैल जाते हैं तब बहुत ही बुरा असर छोड़ते हैं और वातावरण को भयंकर रूप से प्रदूषित कर देते हैं, जो कि इंसानों के स्वास्थ लेने लायक भी नहीं रहता था जानवरों की स्वास्थ लेने लायक भी नहीं रहता है।

इस कारण पटाखों को जलाना बहुत ही ज्यादा हानिकारक होता है और यह प्रदूषण लंबे समय तक नहीं जाता है। यह इतना जानलेवा होता है कि छोटे मोटे कीड़े मकोड़े वातावरण में यूं ही मर जाते हैं।

पटाखों में कौन से हानिकारक धातु होते हैं?

पटाखों में विभिन्न प्रकार के हानिकारक पदार्थ होते हैं जैसे कि Copper, Cadmium, Zinc, सीसा, Magnesium, Sodium इत्यादि।

पटाखों में उपस्थित Copper हमारे सांस लेने में दिक्कत पैदा कर सकता है, Cadmium रक्त में Oxygen की कमी पैदा कर सकता है, Zinc के कारण बुखार पैदा हो सकता है, उल्टी हो सकती है, सीसे के कारण तंत्रिका तंत्र को नुकसान होता है, Magnesium के कारण फेफड़ों में धुआं भर सकता है और sodium के कारण यह शरीर में जलन पैदा कर सकता है, क्योंकि sodium पानी के साथ मिलने पर अग्नि पैदा करता है।

पटाखे जलाने पर कौन सी गैस निकलती है?

पटाखों की जलाने पर विभिन्न प्रकार की प्रदूषण कैसे निकलती है, जो वातावरण को बहुत अधिक के प्रदूषण में लिप्त कर देती है। यदि हम आपको कुछ देशों के नाम बताएं तो Sulphurnitrate, Magnesium, तथा Nitrogen Dioxide, जैसी कई गैसें आधार कार्ड लोन वातावरण में शामिल हो जाती है। जिसके कारण वातावरण प्रदूषित हो जाता है।

इन सभी गैसों के रहते हुए एक ही वातावरण में सामान्य व्यक्ति सांस नहीं ले सकता तथा जानवरों की मृत्यु होना संभावित है।कई कीड़े मकोड़े तो ऐसे ही मर जाते हैं, क्योंकि कीड़े मकोड़े आकार में बहुत छोटे होते हैं तथा वे वातावरण में सांस नहीं ले पाते हैं, क्योंकि वातावरण में सांस लेने के लिए धूल के कण बहुत ज्यादा आ जाते हैं, और इसे के साथ यह प्रदूषक तत्व भी शामिल हो जाते हैं, जो कि उनके मृत्यु के कारण बनते हैं। यदि ऐसे ही वायु में एक व्यक्ति सांस लेता रहे तो 100 साल जीने वाले एक व्यक्ति की उम्र मात्र 6 साल रह जाती है।

पटाखों से कौन सा प्रदूषण होता है?

पटाखों से बहुत ज्यादा प्रकार के प्रदूषण होते हैं जिनमें वायु प्रदूषण, Global Warming, Noise Pollution, Garbage, Fire Accidents यह सब प्रदूषण फैलते हैं। तथा इसके नतीजे में विभिन्न प्रकार के रोगों के द्वारा लोगों की मृत्यु होती है। तथा अस्वस्थ हो जाते हैं और नवजात बच्चों तथा प्रेग्नेंट औरतों के लिए पटाखे का इतना बड़ी मात्रा में फोड़ना थोडा ज्यादा नुकसानदेह हो सकता है।

वायु प्रदूषण

पटाखों के कारण विभिन्न प्रकार के जैसे वातावरण में मिल जाती है, और यह वातावरण को बहुत ज्यादा दूषित कर देती है। वातावरण में मिलने वाली इन वाली गैसों में कई प्रकार के रासायनिक तत्व भी शामिल होते हैं जो कि वायु के साथ मिलकर के पूरे वातावरण को दूषित कर देते हैं। जैसे कि नाइट्रस ऑक्साइड, सल्फर ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, इन सभी के कारण वातावरण में मिल जाते हैं और जब तक कोई भारी वर्षा ना हो तब तक वातावरण में बने रहते हैं। क्योंकि यह बहुत हल्के होते हैं और जमीन पर आने में बहुत ज्यादा समय लगाते हैं, और यदिवायुचलती रहती है तो यह वायु के साथ भ्रमण करते रहते हैं।

वैश्विक गर्मी

पटाखों के कारण विभिन्न प्रकार की गर्मियां तथा कार्बन डाइऑक्साइड की गैस से वातावरण में मिल जाती है जो कि पृथ्वी पर नियमित तापमान को थोड़ा बढ़ा देते हैं, जिससे ग्लोबल वार्मिंग जैसी दिक्कतें और बढ़ जाती है।

ध्वनि प्रदूषण

पटाखे बहुत ज्यादा ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं क्योंकि पटाखों के कारण धमाके की आवाज आती है और इससे बूढ़े लोगों में हार्ट अटैक का खतरा भी बना रहता है, तथा दिमाग की नसें फट जाने का खतरा भी रहता है, क्योंकि बुढ़ापे में शरीर ढंग से काम नहीं करता तथा इसी के बीच यदि भयानक पटाखों की आवाजकान में गुजरने लगे तो यह बहुत ही बुरा असर डालता है।

कचरा

पटाखों के कारण बहुत ज्यादा कचरा फैल जाता है और पटाखे जलने के बाद में इनका बचा हुआ कचरा सड़कों पर पड़ा रहता है, जो कि अपने आप मेंबहुत ज्यादा प्रदूषण फैलाता है।

आग से होने वाली दुर्घटनाएं

हम अक्सर अखबारमें देखते हैं कि पटाखों के कारण कई बार दुकानों में आग लग जाती है, कई बार में आग लग जाती है, कई फैक्ट्रियां जलकर राख हो जाती है, तथा हजारों लाखों रुपए का नुकसान हो जाता है, क्योंकि यह पटाखेबता करके नीचे नहीं आते हैं,और इनका कहीं पर भी गिरना बिल्कुल आकस्मिक हो सकता है।जिससे आग से संबंधित घटनाएं जन्म ले सकती हैं।

पटाखों के जानवरों पर कौन से बुरे प्रभाव पड़ते हैं?

पटाखे बहुत ही ज्यादाधुआं,प्रदूषक तत्व, प्रदूषण, वातावरण में फैल जाते हैं और ध्वनि प्रदूषण के कारण कुत्ते, बकरियां, भेड़, छोटे जानवर, बड़े जानवर, गाय,यह सभी डरे सहमे रहते हैंऔर प्रदूषण के कारण इनकी मृत्यु होना संभावित हो सकती है।

पटाखों के दुष्प्रभाव क्या है?

  • पटाखों से निकलने वाला खास करके छोटे बच्चों के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक होता है। यह बच्चों के सांस लेने की तकलीफ पैदा कर सकता है और बचपन से ही उन्हें अस्थमा की बीमारी हो सकती है।
  • वायु प्रदूषण एलर्जी की बीमारी को पैदा कर सकता है, तथाछाती में और गले में धुआं जा सकता है।
  • दिवाली के समय बहुत सारे लोग पटाखे जलाते हैं जिससे वातावरण में वायु की क्वालिटी बहुत गिर जाती है और प्रदूषक तत्व बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं।
  • पटाखे फोड़ने से प्रदूषित हुईवायुमें सांस लेने से कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती है।
  • गर्भपात हो सकता है। इसीलिए जबपटाखे बहुत ज्यादा जलाए जा रहे हो तब गर्भवती महिलाओं को घर में रहना चाहिए।
  • पटाखे हानिकारक रसायनों से बनते हैं जो शरीर में विकार उत्पन्न कर सकते हैं तथा शरीर मेंजहरकी मात्रा बढ़ जाती है।
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निष्कर्ष

तो आज के लिए हमने आपको बताया कि पटाखे क्यों नहीं जलाने चाहिए, पटाखे जलाने से क्या होता है, इस प्रकार के प्रदूषक तत्व पटाखे बनाने में इस्तेमाल किए जाते हैं, पटाखे फोड़ने से वायु में कौन सी गैस से मिल जाती है, पटाखे हमारे लिए किस प्रकार से हानिकारक सिद्ध होते हैं,और इसी प्रकार हमने आपको आज तो पटाखों को लेकरकेसारी जानकारी प्रदान करी। हम आशा करते हैं कि आपको यह लेख सही तरह से समझ में आया होगा। धन्यवाद|

पटाखों से होने वाले प्रदुषण पर निबंध से सम्बन्धित (FAQ)

Q. पटाखों से हुए प्रदुषण से क्या बीमारियाँ हो सकती है?

Ans. पटाखों से श्वास की बिमारिय, ह्रदय रोग, अस्थमा, दृष्टी की दिक्कतें, सुनने में दिक्कतें, फेफड़ों की बीमारियाँ, कैंसर इत्यादि प्रकार की बीमारियाँ फेल सकती सकती है.

Q. पटाखों के प्रदूषक  तत्त्व कौनसे होते है?

Ans. पटाखों मेंCopper, Cadmium, Zink, सीसा, Magnesium, Sodium इत्यादि प्रदूषक तत्त्व होते है जो Sulphur  Dioxide  तथा Nitrogen जैसे प्रदुषण फैलाते है.

Q. पटाखों से कैसे नुकसान होते है?

Ans. पटाखों से बहुत सारे नुकसान होते है जैसे कि, शारीरिक नुकसान, मानसिक नुकसान, आर्थिक नुकसान, प्राकृतिक नुकसान इत्यादि. यह केवल कुछ समय के लिए ही आनंद दे सकते है और इसके बाद इसके केवल नुकसान ही नुकसान हैI

2 thoughts on “पटाखों से होने वाले प्रदूषण पर निबंध [2022] | Essay on fire firecracker pollution”

  1. Hy!
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